काठमांडू, एएनआइ। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 30 अप्रैल तक प्रतिबंध बढ़ा दिया है। जबकि घरेलू उड़ानों पर 15 अप्रैल तक प्रतिबंध लागू रहेगा। ज्ञात हो कि नेपाल सरकार ने देश में को 15 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पहले 7 अप्रैल तक नेपाल में लॉकडाउन का आदेश दिया गया था। ज्यादातर देशों ने अपने देश में विदेशियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पिछले दिनों 3 अप्रैल को भारत और नेपाल में लागू लॉकडाउन, कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए और दोनों देशों की सीमा पर स्थिति सामान्य बनाने के लिए दोनों देशों के बीच गोरखपुर में एक बैठक हुई, जिसमें कुछ सेवाओं को लेकर सहमति बनी। इस बैठक में सीमा पर आवश्यक सेवाओं के सुचारु रूप से संचालन पर जोर दिया गया। इसके बाद अब दोनों देशों के लोग एक दूसरे के देश में आवागमन कर सकेंगे। इसके अलावा तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को क्वारंटाइन किए जाने को लेकर भी चर्चा की गई। मीटिंग मे कहा गया है कि दोनों देशों के लोग एक दूसरे के देश में दवा और अन्य चिकित्सीय सेवाओं के लिए जा सकेंगे।
क्वारंटाइन में रखे गए दोनो देशों के नागरिकों को नहीं होगी दिक्कत
बैठक में यह तय हुआ कि सीमा से सटे लोग अपने दवा व इलाज के लिए दोनों देशों का रुख करते हैं। ऐसे में सीमा पर किसी भी इमरजेंसी सेवा को न रोका जाए। बैठक में दोनों देशों में बड़ी संख्या में रोके गए भारतीय व नेपाली लोगों के बारे में भी चर्चा की गई।
नेपाल ने नहीं दी अपने नागरिकों के देश में प्रवेश की अनुमति
नेपाल में लॉकडाउन लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के सोनौली सीमा से नेपाल में प्रवेश देने की मांग को लेकर 2 अप्रैल से नो मेंसलैंड पर धरना दे रहे 310 नेपाली नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इसी तरह नेपाल से भारत में प्रवेश चाह रहे 126 भारतीय नागरिकों को भी रोक दिया गया। सीमावर्ती जिलों भारत के महराजगंज व नेपाल के रुपनदेही के जिला प्रशासन ने आपस में वार्ता के बाद नेपाली नागरिकों को नौतनवा इंटर कालेज में ठहराया गया है। जबकि भारतीय नागरिकों को नेपाल के बेलहिया में रखा गया है।