जर्मनी 19 अप्रैल के बाद किस-किस तरह से हटाएगा लॉकडाउन

बर्लिन। दुनिया भर के तमाम देश कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किए हुए हैं। जिन देशों ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन नहीं किया उनके यहां के हालात खतरनाक है। ऐसे में सभी लॉकडाउन की बदौलत ही वायरस के इस संक्रमण को रोकने में लगे हुए हैं। जिन देशों के पास इलाज की आधुनिक तकनीक थी वो भी इस वायरस की मार से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं वो चाहे अमेरिका हो, इटली, ब्रिटेन या फिर स्पेन।


जिन देशों ने कई सप्ताह पहले संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया था वो अब व्यवस्थित तरीके से इसे खोलने पर भी विचार कर रहे हैं। इन्हीं में एक देश का नाम है जर्मनी। जर्मनी में 22 मार्च से पूरी तरह से लॉकडाउन था, अब वो इसी माह 19 अप्रैल से लॉकडाउन को धीरे-धीरे कुछ चरणों में खोलने की योजना बना रहा है जिससे जीवन वापस पटरी पर आ सके। इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, अब इसी प्लान के हिसाब से यहां पर लॉकडाउन को हटाया जाएगा।


                                                      फेस मास्क पहनना होगा अनिवार्य


यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने बीते कई हफ्तों से अपनी आर्थिक गतिविधियां थाम रखा है। इन दिनों उनकी भी सारी ऊर्जा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से लड़ने के लिए लगी हुई है। सरकार ने 19 अप्रैल के बाद धीरे-धीरे कई चरणों में जीवन को वापस पटरी पर लाने की योजना बना ली है। इस तारीख के बाद सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क पहनना अनिवार्य बनाने निश्चित कर दिया गया है। इसके अलावा ज्यादा लोगों का एक जगह पर जमावड़ा होने पर पाबंदी लगाना भी तय किया गया है।


 


                                                                           एक्शन प्लान


संक्रमण की श्रृंखला को तेजी से पहचानने के लिए भी कई उपाय किए जाएंगे। इन सभी उपायों की घोषणा जर्मन सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट एक्शन प्लान में की गई है जिसे जर्मनी के गृह मंत्रालय ने तैयार किया है। मंत्रालय का मानना है कि इन कदमों से देश में एक व्यक्ति से केवल एक ही व्यक्ति को संक्रमण होने की दर हासिल करना संभव होगा। जर्मनी में 22 मार्च से कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं जिनमें रेस्तरां, बाजारों का बंद होना और सार्वजनिक जगहों पर दो से अधिक लोगों का साथ ना होना शामिल है। एक परिवार के या एक साथ एक ही घर में रहने वाले लोग ही दो से अधिक संख्या में बाहर दिख सकते हैं।


                                                           धीरे-धीरे जनजीवन होगा सामान्य


एक्शन प्लान में कहा गया है कि चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे करके जनजीवन को सामान्य किया जाएगा। इसमें इस बात पर खास जोर दिया गया है कि देश में ऐसी व्यवस्था काम कर रही होगी जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 80 फीसदी से अधिक लोगों को एक दिन के भीतर पहचानना संभव होगा। इसके बाद उस संक्रमित व्यक्ति समेत इस सभी लोगों को या तो उनके घरों या होटलों में ही क्वारंटीन किया जाएगा। 







 













बर्लिन। दुनिया भर के तमाम देश कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किए हुए हैं। जिन देशों ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन नहीं किया उनके यहां के हालात खतरनाक है। ऐसे में सभी लॉकडाउन की बदौलत ही वायरस के इस संक्रमण को रोकने में लगे हुए हैं। जिन देशों के पास इलाज की आधुनिक तकनीक थी वो भी इस वायरस की मार से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं वो चाहे अमेरिका हो, इटली, ब्रिटेन या फिर स्पेन।


जिन देशों ने कई सप्ताह पहले संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया था वो अब व्यवस्थित तरीके से इसे खोलने पर भी विचार कर रहे हैं। इन्हीं में एक देश का नाम है जर्मनी। जर्मनी में 22 मार्च से पूरी तरह से लॉकडाउन था, अब वो इसी माह 19 अप्रैल से लॉकडाउन को धीरे-धीरे कुछ चरणों में खोलने की योजना बना रहा है जिससे जीवन वापस पटरी पर आ सके। इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, अब इसी प्लान के हिसाब से यहां पर लॉकडाउन को हटाया जाएगा।


                                                           फेस मास्क पहनना होगा अनिवार्य


यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने बीते कई हफ्तों से अपनी आर्थिक गतिविधियां थाम रखा है। इन दिनों उनकी भी सारी ऊर्जा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से लड़ने के लिए लगी हुई है। सरकार ने 19 अप्रैल के बाद धीरे-धीरे कई चरणों में जीवन को वापस पटरी पर लाने की योजना बना ली है। इस तारीख के बाद सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क पहनना अनिवार्य बनाने निश्चित कर दिया गया है। इसके अलावा ज्यादा लोगों का एक जगह पर जमावड़ा होने पर पाबंदी लगाना भी तय किया गया है।


                                                                           एक्शन प्लान


संक्रमण की श्रृंखला को तेजी से पहचानने के लिए भी कई उपाय किए जाएंगे। इन सभी उपायों की घोषणा जर्मन सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट एक्शन प्लान में की गई है जिसे जर्मनी के गृह मंत्रालय ने तैयार किया है। मंत्रालय का मानना है कि इन कदमों से देश में एक व्यक्ति से केवल एक ही व्यक्ति को संक्रमण होने की दर हासिल करना संभव होगा। जर्मनी में 22 मार्च से कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं जिनमें रेस्तरां, बाजारों का बंद होना और सार्वजनिक जगहों पर दो से अधिक लोगों का साथ ना होना शामिल है। एक परिवार के या एक साथ एक ही घर में रहने वाले लोग ही दो से अधिक संख्या में बाहर दिख सकते हैं।



धीरे-धीरे जनजीवन होगा सामान्य


एक्शन प्लान में कहा गया है कि चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे करके जनजीवन को सामान्य किया जाएगा। इसमें इस बात पर खास जोर दिया गया है कि देश में ऐसी व्यवस्था काम कर रही होगी जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 80 फीसदी से अधिक लोगों को एक दिन के भीतर पहचानना संभव होगा। इसके बाद उस संक्रमित व्यक्ति समेत इस सभी लोगों को या तो उनके घरों या होटलों में ही क्वारंटीन किया जाएगा। 



छोटी कंपनियों को दिया जाएगा कर्ज 


बर्लिन में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि छोटे और मझोले स्तर की कंपनियों को दिए जाने वाले 100 फीसदी कर्ज की गारंटी सरकार लेगी। देश की ऐसी छोटी कंपनियों को 5,00,000 यूरो का कर्ज उपलब्ध कराया जाना है जिसमें 50 से कम कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा 8,00,000 यूरो की रकम बड़ी कंपनियों को कर्ज के तौर पर मुहैया कराई जाएगी। इस तरह से सरकार ने लॉकडाउन खोलकर देश को पटरी पर लाने की योजना बनाई है।