अस्पताल के लिए लगा फीडर दो साल से है खराब, लो वोल्टेज से ठीक से काम नहीं करते अस्पताल के उपकरण
पडरौना। संयुक्त जिला अस्पताल में महज 16 घंटे बिजली मिल रही है, वह भी कई किस्तों में। देहात फीडर से सप्लाई के कारण लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। ऐसे अक्सर यहां के उपकरण ठीक से काम नहीं करते। यह समस्या करीब दो साल से है। कई बार पत्राचार के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर पा रही। जिला अस्पताल प्रशासन ने पॉवर कारपोरेशन के अफसरों और डीएम को पत्र भेजकर इस समस्या से अवगत कराया है। बावजूद इसके समस्या का निदान अब तक नहीं हो सका है।
संयुक्त जिला चिकित्सालय को 24 घंटे नियमित रूप से बिजली मुहैया कराने के लिए रवींद्रनगर हाईडिल में अलग से फीडर लगाया गया है, लेकिन इससे अस्पताल को बिजली नहीं मिल पा रही है। संयुक्त जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. बजरंगी पांडेय ने बताया कि जिला अस्पताल का फीडर खराब होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की बिजली मिल रही है, जिसमें लो वोल्टेज समस्या और बार-बार बिजली कटौती की समस्या बनी रह रही है। इससे पीआईसीयू (पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर यूनिट) में लगे वेंटीलेटर और अन्य मशीनें बार-बार ऑन-ऑफ होती हैं, जिसका असर मरीज की सेहत पर पड़ता है। इसी तरह एसएनसीयू (सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती नवजातों को भी प्रॉपर ऑक्सीजन सप्लाई मिलने में समस्या आती है। इससे इनकी जान को खतरा रहता है। इसके अलावा पैथालॉजी में कंप्यूटराज्ड मशीनें लगी हैं, जिनके बार-बार बंद होने और खराब होने की आशंका रहती है। अस्पताल की डिजिटल एक्सरे व सामान्य एक्सरे मशीनों को आवश्यकतानुसार बिजली नहीं मिल पाती। कलर डॉप्लर तथा सिटी स्कैन मशीनों की बैट्रियां सही ढंग से चार्ज न होने की वजह से मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को परेशानी होती है। चिकित्सालय में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का आदेश है, लेकिन इसके लिए हाइडिल में लगा स्वतंत्र फीडर दो वर्ष से खराब है। जो बिजली मिलती है, वह रोटेशन में। वह भी लगभग 16 घंटे के लिए। जेनरेटर है, लेकिन उसे चलाने के लिए आवश्यकता के अनुरूप बजट नहीं मिलता है। नियमित बिजली न मिलने से मशीनें सही से काम नहीं करतीं और अक्सर खराब भी हो जाती हैं। फीडर की मरम्मत के लिए पूर्व में कई बार लिखित और मौखिक रूप से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। पुन: डीएम और पावर कारपोरेशन के अफसरों को पत्र भेजा गया है।
यहां बिना बिजली के नहीं हो सकता काम : संयुक्त जिला चिकित्सालय में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट, ब्लड बैंक, पैथालॉजी, सिटी स्कैन मशीन, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन, इंसेफेलाइटिस आईसीयू, औषधि भंडार, पैथालॉजी, इमरजेंसी कक्ष और वार्ड सहित कई जगह नियमित बिजली की आवश्यकता होती है, लेकिन नियमित बिजली नहीं मिलती है। ऐसी दशा में अस्पताल का कामकाज प्रभावित होता है।
एक सप्ताह में सांसद ने किया समाधान का वादा
सांसद विजय कुमार दूबे ने कहा कि इस मामले की जानकारी पहली बार उन्हें अमर उजाला की तरफ से मिली है। वे तत्काल इस मामले पर सीएमएस से पूरी जानकारी लेंगे। बिजली विभाग के अफसरों को तत्काल समस्या के समाधान के लिए कहा जाएगा। हर हाल में एक सप्ताह में खराबी को दूर कराकर जिला अस्पताल की बिजली समस्या का समाधान कराया जाएगा।
अस्पताल के लिए लगा फीडर दो साल से है खराब